देश समाचार

Tuesday 23 June 2015

बच्चों को होमवर्क; धूप में निकलो, घटाओं में नहाओ

धूपमें निकलो, घटाओं में नहाकर देखो, जिंदगी क्या है, किताबों को हटाकर देखो। मशहूर शायर निदा फाज़ली की ये लाइनें यहां सटीक बैठती हैं। 
इटली के एक टीचर ने अपने छात्रों को यही संदेश देने की कोशिश की है इस बार छुटि्टयों में। डॉन बॉस्को स्कूल के टीचर सीज़र केटा ने छात्रों को होमवर्क के तौर पर कुछ रोचक चुनौतियां दी हैं। इस लाइफ चेंजिग होमवर्क की चर्चा पूरी इटली में हो रही है। शेष| पेज 6 


इसमेंउन्होंने 15 पॉइन्टस बताए हैं जो छात्रों को खुशनुमा जिंदगी गढ़ने में मददगार होंगे। सीजर ने बताया कि डेड पोएट्स सोसायटी फिल्म में रॉबिन विलियम्स ने ऐसे टीचर का किरदार निभाया है जो पोएट्री के जरिए पढ़ाता है। उसी से उन्हें बच्चों को इस अपरंपरागत तरीके से पढ़ाने का विचार आया, 
15 पॉइंट्स में यह खास 
{डरलगे तो चिंता करें - ऐसी बातों को डायरी में लिख लें, कुछ दिनों बाद फिर पढ़ें, पता चलेगा डर बेवजह था। 
{बातों में नए शब्द इस्तेमाल करें। 
{निगेटिविटी लाने वालों से दूर रहें 
{बेझिझक डांस करें - डांस फ्लोर पर या रूम में, पर दीवानों की तरह करें। 
{उगता सूरज देखें - खामोश रहें, गहरी सांसें लें और प्रकृति को शुक्रिया कहें। 
{उन चीजों की तुलना करें जो पढ़ीं हैं और जिन्हंे सीखा है। 
{खुश रहें - बिल्कुल दमकते हुए सूरज की तरह। 
{कसमें खाएं - बातें नहीं, बेहतरीन बन कर दिखाएं। 


13. फिल्में देखें - जिनमें दिल छू लेने वाले डॉयलाग्स हों। जैसे इंग्लिश फिल्में। लैंग्वेज स्किल सुधारने का यह श्रेष्ठ तरीका है। 
14. सपने देखें - इन्हें पूरा करने के लिए सारी कोशिशें करें 
15. अच्छा बर्ताव करें- खुद से भी और दूसरों से भी। 
एक टीचर के होमवर्क की पूरे इटली में चर्चा 

अफगान संसद पर आतंकी हमला

हमले के दौरान अफगान संसद में बदहवासी।
धमाकों के बाद सांसद इधर-उधर भागने लगे। तब स्पीकर इब्राहिमी ने उन्हें शांति से बैठने को कहा। उन्होंने कहा, 'बैठ जाइए ये बिजली की गड़बड़ी के कारण हो रहा है।' हकीकत समझ आने पर उन्हें भी भागना पड़ा।
काबुल | तालिबानके आत्मघाती आतंकियों ने सोमवार को काबुल में अफगानिस्तान की संसद पर हमला कर दिया। संसद भवन के बाहर और भीतर करीब दो घंटे तक सुरक्षा बलों से मुठभेड़ हुई। सभी सात हमलावर मारे गए। घटना में एक बच्चे और एक महिला सहित दो नागरिक भी मारे गए। मुठभेड़ के दौरान सदन में मौजूद सभी सांसदों को बचा लिया गया। हमला उस समय हुआ, जब उप राष्ट्रपति सरवर दानिश सदन में देश के नए रक्षा मंत्री मासू स्टैंकजई का परिचय करा रहे थे। अफगानिस्तान में भारत के राजदूत अमर सिन्हा ने ट्वीट कर बताया कि सभी भारतीय सुरक्षित हैं।



पहलेमेन गेट पर विस्फोट किया :
काबुलके पुलिस प्रवक्ता अब्दुल्ला करीमी ने बताया कि आत्मघाती हमलावरों ने संसद भवन में घुसने के लिए पहले मेनगेट पर कार बम विस्फोट किया। इस दौरान मची अफरा-तफरी का लाभ उठाते हुए छह हमलावर संसद भवन में घुस गए। वहां उन्होंने करीब सात धमाके किए। इससे संसद भवन की इमारत हिल गई। लेकिन सुरक्षा बल के जवानों ने उन्हें खदेड़ कर पास की इमारत में शरण लेने को मजबूर कर दिया। इसके बाद मुठभेड़ में सभी हमलावर मारे गए।

तालिबानने ली जिम्मेदारी :
तालिबानके प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने फोन पर इस हमले की जिम्मेदारी ली। उसने कहा कि नए रक्षा मंत्री की नियुक्ति रोकने के लिए संसद पर यह हमला किया गया। करीब 13 साल बाद अमेरिका के नेतृत्व वाली सेना स्वदेश लौट रही है और देश की सुरक्षा की कमान अफगानिस्तान की सेना संभाल रही है। इसकी कमान नए रक्षामंत्री के हाथ में होगी।

2012में हुई थी संसद पर हमले की कोशिश :
आत्मघातीहमलावरों ने 2012 में भी अफगानिस्तान की संसद पर हमला करने की कोशिश की थी। उसके साथ ही तब तालिबान ने काबुल के कई हिस्सों और डिप्लोमेटिक एन्क्लेव पर भी हमले किए थे।
तालिबानको अमेरिका ने हटाया था सत्ता से
अमेरिकाने 2001 में अफगानिस्तान पर हमला कर सत्तारूढ़ तालिबान को सत्ता से हटा दिया था। उसके बाद से तालिबान लगातार अमेरिकी सेना और उसके ठिकानों को निशाना बनाता रहा है। अमेरिका ने तालिबान को आतंकी संगठन घोषित कर रखा है।
दोजिलों पर तालिबान कर चुका है कब्जा 

अफगानिस्तानके उत्तर में कुंदुज प्रांत के दो जिलों पर तालिबान ने कुछ दिन पहले ही कब्जा कर लिया है। प्रांतीय परिषद के प्रमुख मुहम्मद यूसुफी ने बताया कि तालिबान के लड़ाकों ने दश्ती आर्ची जिले को चारों तरफ से घेर कर उस पर कब्जा कर लिया है। वहां कितने लोग मरे यह पता नहीं है। लेकिन 15,000 लोग वहां से निकल नहीं पा रहे हैं। तालिबान ने इस जिले और सेना के चार टैंकों तथा शस्त्रागार पर नियंत्रण की पुष्टि की है। तालिबान ने रविवार को कुंदुज प्रांत के ही चारदरा जिले पर कब्जा किया है। 

वसुंधरा पर लगे आरोप बेबुनियाद : गडकरी

दिल्ली में कांग्रेस का हमला
दुष्यंतको जेटली की क्लीन चिट कवर-अप
^साफतौरपर कवर-अप की कोशिश की जा रही है। हम वित्त मंत्री पर आरोप लगाते हैं कि वह राजे के बेटे दुष्यंत सिंह को बचाने के लिए जांच प्रभावित कर रहे हैं।' -गुलामनबी आजाद, कांग्रेस
जयपुर | केंद्रीयसड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ललित मोदी वसुंधरा प्रकरण पर कहा कि वसुंधरा पर लगे आरोप बेबुनियाद हैं। इन आरोपों में तो कोई लीगलिटी है और ही इसमें करप्शन है। जहां तक इनके बेटे पर आरोप है तो वह पूरी तरह से बिजनेस डील है और इनकम टैक्स रिटर्न में इसकी एंट्री है। किसी से पैसा कर्ज पर लेना गुनाह नहीं है। इस डील को इस तरह राजनैतिक विवादों में लाने की कोशिश की जा रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। वसुंधरा लीगली, लॉजिकली, एथिकली, बिल्कुल करेक्ट हैं। कहीं भी उनकी कोई गलती नहीं है।



कोईकरप्शन नहीं है और कोई अनलॉफुल एक्टिविटी नहीं है। केंद्र और प्रदेश में भाजपा पूरी तरह से वसुंधरा राजे के साथ खड़ी है। इन आरोपों में कोई तथ्य नहीं है और ये बेसलैस (निराधार) हैं। इस प्रकार की राजनीति करना ठीक नहीं है। वसुंधरा राजे ने कोई गलती नहीं की है। कोई करप्शन है, कोई इररेगुलरिटी की है। हम कल भी उनके साथ थे और आज भी उनके साथ हैं और किसी प्रकार का कन्फ्यूजन हमारे माइंड में नहीं है। 

कैलाश के लिए पहली बार खुला रास्ता

 कैलाशमानसरोवर यात्रा के लिए चीन ने सोमवार को पहली बार नाथू-ला दर्रा खोल दिया। नए रास्ते से कैलाश जाने वाले पहले जत्थे में 40 श्रद्धालु हैं। इस रास्ते से पांच बैच में 250 श्रद्धालु कैलाश जाएंगे। यहां से श्रद्धालु 1500 किमी की यात्रा बस से तय करेंगे 
कैलाश के लिए पहली बार खुला नाथू-ला 

राजनीतिक नियुक्तियों पर लगे वकीलों के प्रदर्शन पर उठे सवाल

प्रदेशमें जिस पार्टी की सरकार होती है उसके नेता ही जिला मजिस्ट्रेट एवं कलेक्टर को नाम सुझाते हैं। उन्हीं नामों का पैनल तैयार कर सरकार को भेजा जाता है। 
यहहोना चाहिए 
{राजनीितकनियुक्ति वाले वकीलों की जिम्मेदारी तय हो। नियुक्ति प्रक्रिया भी पारदर्शी होनी चाहिए। 
{छह माह में परफॉरमेंस रिपोर्ट ली जानी चाहिए। 
आंकड़े पिछले विधानसभा सत्र में गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार। 
इसलिए जीत | मजबूत मॉनिटरिंग 
मॉनिटरिंगसिस्टम बना हुआ है। सरकार की तरफ से मजबूती से पक्ष रखते हैं, क्योंकि यह इनकी कॅरिअर ग्रोथ से जुड़ा हुआ है। हर पांच साल में बदलते नहीं हैं। 
हार इसलिए | जवाबदेही नहीं 
स्पष्टजिम्मेदारी नहीं। कोई मॉनिटरिंग सिस्टम भी नहीं। सरकार को यह तक पता नहीं है कि कितने मामलों में ये वकील पैरवी कर रहे हैं और इनका ओवरऑल रिजल्ट कितना हैं। 
परीक्षा पास कर बने 664 सरकारी वकील 
{ये664 सरकारी वकील आरपीएससी से चयनित। 
{इनमें 240 अभियोजन अधिकारी 424 सहायक अभियोजन अधिकारी हैं। 
{सालानावेतन कुल 60 करोड़, अन्य सुविधाएं। 
{मजिस्ट्रेटकोर्ट्स में सरकारी मामलों की पैरवी करते हैं। 
सिफारिश पर नियुक्त 370 वकील 
{कलेक्टरजिला जज की सिफारिश पर नियुक्ति होती है। 
{370 में से 27 सुप्रीम कोर्ट, 90 हाईकोर्ट 217 अधीनस्थ कोर्ट में केस देख रहे हैं। 
{सालानावेतन कुल 40 करोड़ रु., सुविधाएं अलग। 
{सेशनऊपरी कोर्ट में सरकार की पैरवी करते हैं। 
...लेकिन तस्वीर यह भी 
जोभर्ती परीक्षा पास कर वकील बने वे सरकार को दिला रहे 90 फीसदी मामलों में जीत 
मनोजशर्मा | जयपुर 
अदालतोंमें लाखों केस पेंडिंग हैं। हर सरकार अपने कार्यकाल में खुद के मामलों की पैरवी के लिए करीब पौने चार साै वकीलों को मानदेय पर पब्लिक प्रोसिक्यूटर (पीपी), एडिशनल पब्लिक प्रोसिक्यूटर (एपीपी) और स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर नियुक्त करती है। ये वो वकील होते हैं जो हर पांच साल में बदल जाते हैं। यानी सरकारों के साथ चलने वाले। राजनीतिक तौर पर हुई इन नियुक्तिओं पर सालाना 40 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होता है, जबकि सरकारी वकीलों की तुलना में ये वकील सिर्फ 10 फीसदी केसों में सरकार को जीत दिला पाते हैं। वजह साफ है- राजनीतिक तौर पर नियुक्त वकीलों की जिम्मेदारी तय नहीं होती। इनकी तुलना में सरकारी वकील 90 फीसदी केसों में जीत दिलवा रहे हैं। विशेषज्ञ खुद मानते हैं-भले ही नियुक्तियां राजनीतिक हों, लेकिन इनकी जिम्मेदारी तय करनी चाहिए। सरकार ऐसी नियुक्तियों पर एक कार्यकाल में 200 करोड़ रु. तक खर्च करती है। 
पढ़िएभास्कर की स्पेशल रिपोर्ट... 
92% 
से ज्यादा केसों में जीत 
10% 
से भी कम केसों में जीत 
जस्टिस वी एस दवे, रिटायर्ड जज, राजस्थान हाईकोर्ट 
जबपॉलिटिकल एप्रोच से नियुक्तियां होती है तो वे लाेग भी कामयाब हो जाते हैं जिन्हें सामान्य तौर पर एक-दो मुकदमे भी नहीं मिलते। यदि वास्तव में सरकार सजा का प्रतिशत बढ़ाना चाहती है तो सिस्टम डवलप करना होगा। 










अच्छे वकील नियुक्त करने होंगे। इसके लिए अच्छे पैसे भी खर्च करने होंगे। तभी नतीजे अच्छे मिलेंगे।